ममता कालिया द्वारा रचित उपन्यास ‘अँधेरे का ताला’ में सामाजिक यथार्थ का चित्रण
Authors: सोमवीर
Country: India
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Abstract: समाज के अन्तर्गत विभिन्न जातियाँ व वर्ग समूह आते हैं । मनुष्य समाज में रहकर ही अपना सम्पूर्ण विकास कर सकता है । साहित्य समाज का दर्पण होता है । जो समस्याएँ समाज को प्रभावित करती हैं उन्हीं का चित्रण साहित्य में किया जाता है । साहित्यकार अत्यन्त संवेदनशील होता है। समाज को प्रभावित करने वाली छोटी से छोटी घटना भी उसे रचना लिखने को प्रेरित कर देती है । ममता कालिया जी ने भी समज में फैली समस्याओं का अपने उपन्यास में यथार्थ चित्रण किया है ।
Keywords:
Paper Id: 1660
Published On: 2016-05-23
Published In: Volume 4, Issue 3, May-June 2016
Cite This: ममता कालिया द्वारा रचित उपन्यास ‘अँधेरे का ताला’ में सामाजिक यथार्थ का चित्रण - सोमवीर - IJIRMPS Volume 4, Issue 3, May-June 2016.