त्रिपुष्कर वाद्य कथा
Authors: लाल बाबू निराला
Country: India
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Abstract: प्रायोगिक रुप से संगीत की अभिव्यक्ति का इतिहास मानव उत्पत्ति के साथ ही प्रारम्भ हुआ था परन्तु अपने लेखनी के माध्यम से भारतीय संगीत के आधार ग्रंथ नाट्य शास्त्र के रचयिता भरत मुनि ने, संगीत को अभिव्यक्ति किया। नाट्य शास्त्र के अनुसार अवनद्ध वाद्य प्रचलित थे, जिसके आविष्कार की प्रेरणा सबसे पहले स्वाति मुनि को मिली थी। भरत नाट्य शास्त्र की रचना का समयकाल लगभग ईसा पूर्व पांचवी शताब्दी से लेकर ईसा की पहली शताब्दी के बीच माना जाता है। अतः ‘त्रिपुष्कर‘ वाद्यों का इतना प्राचीन होना निर्विवाद है।
Keywords: त्रिपुष्कर वाद्य
Paper Id: 1695
Published On: 2018-01-11
Published In: Volume 6, Issue 1, January-February 2018
Cite This: त्रिपुष्कर वाद्य कथा - लाल बाबू निराला - IJIRMPS Volume 6, Issue 1, January-February 2018.