लखमीचन्द के सांगों में समाज का स्वरूप
Authors: पुनीता
Country: India
Full-text Research PDF File: View | Download
Abstract: लखमीचन्द जी के सांगों में नारी की स्थिति, उसकी स्वातन्त्रता, समाज के प्रति उसकी सहानुभूति एवं क्षमाशीलता, नारी स्थिति में आए बदलावों को स्थान दिया है। पारिवारिक चेतना में नारी पुरुष की भूमिका का भी विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है। ग्रामीण समाज एवं शहरी समाज का भी वर्णन किया गया है। लेखक मात्र परिवर्तन का दर्शक नहीं होता, परिवर्तन के भीतर होने वाले संघर्ष और उस संघर्ष से जुड़ी मान्यताओं-मूल्यों से भी जुड़ा होता है और जितनी व्यापक उसकी सूझ होती है, उतना ही अधिक प्रामाणिक, बहुआयामी और अर्थपूर्ण उसका साहित्य भी होता है।
Keywords:
Paper Id: 230284
Published On: 2023-02-27
Published In: Volume 11, Issue 1, January-February 2023
Cite This: लखमीचन्द के सांगों में समाज का स्वरूप - पुनीता - IJIRMPS Volume 11, Issue 1, January-February 2023.