International Journal of Innovative Research in Engineering & Multidisciplinary Physical Sciences
E-ISSN: 2349-7300Impact Factor - 9.907

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Online Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 12 Issue 6 November-December 2024 Submit your research for publication

लखमीचन्द के सांगों में समाज का स्वरूप

Authors: पुनीता

Country: India

Full-text Research PDF File:   View   |   Download


Abstract: लखमीचन्द जी के सांगों में नारी की स्थिति, उसकी स्वातन्त्रता, समाज के प्रति उसकी सहानुभूति एवं क्षमाशीलता, नारी स्थिति में आए बदलावों को स्थान दिया है। पारिवारिक चेतना में नारी पुरुष की भूमिका का भी विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है। ग्रामीण समाज एवं शहरी समाज का भी वर्णन किया गया है। लेखक मात्र परिवर्तन का दर्शक नहीं होता, परिवर्तन के भीतर होने वाले संघर्ष और उस संघर्ष से जुड़ी मान्यताओं-मूल्यों से भी जुड़ा होता है और जितनी व्यापक उसकी सूझ होती है, उतना ही अधिक प्रामाणिक, बहुआयामी और अर्थपूर्ण उसका साहित्य भी होता है।

Keywords:


Paper Id: 230284

Published On: 2023-02-27

Published In: Volume 11, Issue 1, January-February 2023

Cite This: लखमीचन्द के सांगों में समाज का स्वरूप - पुनीता - IJIRMPS Volume 11, Issue 1, January-February 2023.

Share this