अहिंसा का मनोवैज्ञानिक, संस्कृतनिष्ट अध्ययन
Authors: बदलू राम
Country: India
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Abstract: अहिंसा तथा हिंसा एक मनोभाव है इसलिए यह मनोविज्ञान का विषय है। अहिंसा और हिंसा का स्थान मानव मस्तिष्क में रहता है अतः अहिंसा के विषय में मनोवैज्ञानिक अध्ययन आवश्यक है। पशुओं के लिए हिंसा व अहिंसा का विचार निरर्थक है क्योंकि पशु आदि हिंसा करता है तो उनमें उसके मस्तिष्क का उपयोग कम व उसके स्वभाव का उपयोग अधिक होता है । जैसे- बिल्ली जब चूहे को देखती है तो वह यह नहीं विचारती कि इसे मारने से हिंसा होगी। वह तो चूहे को देखते ही उस पर कूद पड़ती है क्योंकि यह उसका स्वभाव है।
Keywords: अहिंसा, हिंसा, न्यायदर्शन, आरम्भी हिंसा, उद्योगी हिंसा, विरोधी हिंसा, संकल्पी हिंसा
Paper Id: 230319
Published On: 2023-03-05
Published In: Volume 11, Issue 2, March-April 2023
Cite This: अहिंसा का मनोवैज्ञानिक, संस्कृतनिष्ट अध्ययन - बदलू राम - IJIRMPS Volume 11, Issue 2, March-April 2023.