महाकुंभ का सांस्कृतिक महत्व: एक समाज शास्त्रीय विश्लेषण
Authors: डॉ. रेखा पाण्डेय
Country: India
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Abstract: महाकुंभ मेला भारत की एक अद्वितीय सांस्कृतिक एवं धार्मिक परंपरा है, जो समाज में आध्यात्मिक एकता, सांस्कृतिक समरसता एवं सामाजिक संरचना को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम प्रदान करता है। यह अध्ययन समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से महाकुंभ मेले के सांस्कृतिक महत्व का विश्लेषण करता है। महाकुंभ न केवल धार्मिक अनुष्ठानों और पवित्र स्नान का केंद्र है, बल्कि यह तीर्थयात्रियों, संतों, अखाड़ों और विभिन्न सामाजिक समूहों के पारस्परिक संबंधों एवं व्यवहार को दर्शाने वाला एक विशाल सामाजिक मंच भी है। यह मेला भारतीय समाज में सामुदायिक चेतना, धार्मिक सहिष्णुता, आस्था, अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक गतिशीलता को किस प्रकार प्रभावित करता है, इसका गहन अध्ययन प्रस्तुत करता है। अध्ययन दर्शाता है कि किस प्रकार महाकुंभ की ऐतिहासिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताएँ समाज की समग्र संरचना को प्रभावित करती हैं और सामाजिक जुड़ाव को सुदृढ़ करती हैं।
Keywords: महाकुंभ मेला, सांस्कृतिक महत्व, समाजशास्त्रीय विश्लेषण, धार्मिक सहिष्णुता, सामुदायिक चेतना, सामाजिक गतिशीलता, भारतीय समाज, आस्था, तीर्थयात्रा, अखाड़ा परंपरा।
Paper Id: 232209
Published On: 2025-01-07
Published In: Volume 13, Issue 1, January-February 2025