नारी जीवन और मुंडारी लोक गीत: सामाजिक योगदान और सांस्कृतिक परंपराओं की समीक्षा
Authors: मोनिका बोदरा
Country: India
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Abstract: मुंडारी लोक गीतों में नारी जीवन का अध्ययन एक गहन और महत्वपूर्ण विषय है, जो आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक संरचना को उजागर करता है। मुंडा जनजाति, मुख्यतः झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों में निवास करती है, और उनकी समृद्ध संस्कृति एवं परंपराएँ उनके लोक गीतों में प्रतिबिंबित होती हैं। इन गीतों में महिलाओं की भूमिका और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का सूक्ष्म और सजीव वर्णन मिलता है। मुंडारी समाज में महिलाओं की भूमिका पारिवारिक धुरी से लेकर समुदाय के महत्वपूर्ण सदस्य तक विस्तृत है। वे घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ खेती, हस्तशिल्प, और अन्य आर्थिक गतिविधियों में भी सक्रिय भागीदारी निभाती हैं। विवाह गीतों में नववधू की भावनाएं, उसकी आशाएँ और उसकी सामाजिक स्थिति का विवरण मिलता है, जो पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों की गहरी समझ प्रदान करता है। त्योहारों और उत्सवों के दौरान, महिलाएं अपनी धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक परंपराओं का उत्सव मनाती हैं, जिसमें उनकी संगीत और नृत्य की प्रतिभा प्रमुखता से उभरती है। इन गीतों में महिलाओं के जीवन में आने वाली कठिनाइयों, जैसे गरीबी, सामाजिक भेदभाव, और घरेलू संघर्षों का भी चित्रण है, जो उनके धैर्य और संघर्ष की कहानी को उजागर करता है। प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को लोक गीतों में दर्शाया गया है। मुंडारी लोक गीतों में महिलाओं का आर्थिक योगदान, विशेषकर खेती और कारीगरी में, भी प्रमुखता से उल्लेखित है, जो उनके परिश्रम और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, कुछ गीतों में महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की कहानियाँ भी सुनाई देती हैं, जो समाज में उनकी ताकत और संघर्ष की प्रेरणादायक छवि प्रस्तुत करती हैं। इन गीतों के माध्यम से, मुंडारी महिलाएं अपनी भावनाओं और अनुभवों को न केवल साझा करती हैं, बल्कि अपनी संस्कृति और परंपराओं को भी जीवित रखती हैं। इस प्रकार, मुंडारी लोक गीतों में नारी जीवन का अध्ययन न केवल उनके सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन की गहरी समझ प्रदान करता है, बल्कि उनके संघर्ष, योगदान, और सशक्तिकरण की कहानी को भी व्यापक रूप में प्रस्तुत करता है, जो समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देता है।
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Paper Id: 230691
Published On: 2024-01-05
Published In: Volume 12, Issue 1, January-February 2024