भारत में किन्नर समुदाय का ऐतिहासिक महत्व और भूमिका
Authors: प्रिया यादव
Country: India
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Abstract: भारत में किन्नर समुदाय का ऐतिहासिक महत्व और भूमिका अत्यंत समृद्ध और विविधतापूर्ण है। प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक, किन्नर समुदाय ने भारतीय समाज, संस्कृति और इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। इस समुदाय की विशिष्ट पहचान और सामाजिक स्थिति समय के साथ बदलती रही है, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक योगदान प्रमुख रूप से शामिल हैं। प्राचीन ग्रंथों और महाकाव्यों में किन्नर समुदाय का उल्लेख उनकी पारंपरिक और आध्यात्मिक भूमिकाओं को दर्शाता है। मुगल काल में राजनीतिक और सामाजिक पदों पर उनकी उपस्थिति से लेकर ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में उनके साथ हुए कानूनी भेदभाव तक, किन्नर समुदाय ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। आधुनिक भारत में, सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2014 में किन्नर समुदाय को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देने से उनकी कानूनी और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है। विभिन्न सरकारी योजनाएं और सामाजिक आंदोलनों ने किन्नर समुदाय के अधिकारों और समानता के लिए नए अवसर प्रदान किए हैं। इस प्रकार, किन्नर समुदाय की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक भूमिका न केवल भारतीय समाज की विविधता और समृद्धि को दर्शाती है, बल्कि उनके संघर्ष और उपलब्धियों की भी गवाही देती है।
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Paper Id: 230692
Published On: 2024-06-01
Published In: Volume 12, Issue 3, May-June 2024
Cite This: भारत में किन्नर समुदाय का ऐतिहासिक महत्व और भूमिका - प्रिया यादव - IJIRMPS Volume 12, Issue 3, May-June 2024.